हम कौन हैं
हमारी सेवाएँ
कान
कान भी शरीर का आवश्यक अंग है , और इसकी रचना भी जटिल है | एक दूसरे की आवाज पहचानने , बात सुनने समझने का कार्य दोनों कानों के ही हैं |नेत्र
मनुष्य शरीर में सबसे उत्तम और मूल्यवान अंग है नेत्र और सही नेत्र शक्ति है तो संसार सुंदर है अतः नेत्रों की रक्षा करना मनुष्य का सबसे जरूरी कर्तव्य है |पेट
सारे रोगों की उत्पत्ति पेट से ही होती है और ठीक भी पेट के द्वारा ही होती है| असल रोग मल का रुकना या कब्ज़ ही है |जड़ी-बूटियाँ
लुप्त होती हुई भारतीय स्वदेशी चिकित्सा की उपयोगिता |गैलरी
मुफ्त सेवा
हमारे बारे में
परिचय
हम एक ऐसा ट्रस्ट चलाते हैं जो लोग एलोपैथिक उपचार से ठीक नहीं होते | उन रोगियों को लुप्त होती हुई भारतीय स्वदेशी चिकित्सा के द्वारा ठीक कराते हैं |
ट्रस्ट का मिशन
हमारा प्रमुख उद्देश्य लुप्त होते हुई भारतीय स्वदेशी चिकित्सा की प्राकृतिक जड़ी-बूटियों , फल फूल एवं उनके रस रसायनों द्वारा लोगों को उनके ही द्वारा स्वस्थ करने की है | हमारी लुप्त होती हुई भारतीय स्वदेशी चिकित्सा को दोबारा से लोगों को जागरुक कराना है | हमारी लुप्त होती हुई भारतीय स्वदेशी चिकित्सा पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित है |
ट्रस्ट सदस्य
शुद्ध भारतीय देशी पारंपरिक वैद्य
डी. एल. सच्चू
संस्थापक
श्री जितेंद्र कुमार सच्चू
महासचिव
श्री भारत जी
प्रथम संरक्षक
श्री सुरेंद्र सिंह यादव - चांदी वाले
द्वितीय संरक्षक
सुझाव देने अथवा संपर्क करने के लिए
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